डिप्रेशन एक बढ़ता खतरा: बच्चों पर बढ़ रहा इसका प्रभाव


तनाव (डिप्रेशन) एक ऐसी बीमारी है जो की सिर्फ बड़े लोगों तक ही सीमित नहीं है। यह एक ऐसी समस्या बन चुकी है जिसने आजकल बच्चों को भी अपनी गिरफत में ले रखा है। धीरे धीरे डिप्रेशन के केस बच्चों में बढ़ रहे हैं और इसके पीछे कई कारण हैं। यह दुनिया बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रही है और इसकी वजह से शिक्षा का दवाव, पारिवारिक मामलों और अन्य कई चीज़ें बच्चों में डिप्रेशन के मामलों को बढ़ा रहीं हैं। आज हम इस ब्लॉग के माध्यम से जानेंगे की डिप्रेशन कैसे बच्चों को प्रभावित करता है। 


बच्चों पर तनाव (Depression) का प्रभाव


डिप्रेशन धीरे धीरे इंसान को अंदर से खोखला कर देता है और ऐसा ही बच्चों के साथ है। इस डिप्रेशन की समस्या का बच्चों पर भी बहुत प्रभाव पड़ रहा है और इसकी वजह से बच्चे कई बार गलत कदम भी उठा लेते हैं।  


शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं: तनाव बच्चों में विभिन्न शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे सिरदर्द, पेट दर्द, मांसपेशियों में तनाव और थकान। यह उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है और अगर इम्युनिटी कमज़ोर हो जाये तो बिमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। 


नींद की समस्या: तनाव बच्चे की नींद के पैटर्न को बाधित कर सकता है, जिससे सोने में कठिनाई हो सकती है, रात में बार-बार जागना या बुरे सपने आ सकते हैं। अपर्याप्त नींद तनाव के स्तर को और बढ़ा सकती है। 


चिंता: तनाव का अनुभव करने वाले बच्चों में स्कूल के प्रदर्शन, सामाजिक कार्य या पारिवारिक स्थितियों के बारे में चिंता विकसित हो सकती है। वे गलतियाँ करने या दूसरों को खुश करने के बारे में अत्यधिक चिंतित हो सकते हैं।


मूड में बदलाव: अगर बच्चे में डिप्रेशन की वजह से उनके मूड में भी बदलाव देखने को मिलते हैं जैसे की  गुस्सा, चिड़चिड़ापन इत्यादि। वे छोटी छोटी बात पर भी गुस्सा करने लग जाते हैं। 


सामाजिक कार्यों से दुरी: अक्सर देखा जाता है की जो बच्चे डिप्रेशन में होते हैं वे किसी से घुल मिल नहीं पाते। ऐसे बच्चे अकेले ही रहते हैं और खुद को अलग रखते हैं।  वे किसी से बात नहीं करते और जिन कामों को वो पहले पसंद करते थे उन्हें करने में अब वो रूचि नहीं दिखाते। 


निर्णय लेने में परेशानी: तनाव बच्चे की प्रभावी ढंग से निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है। उन्हें किसी काम पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है। जिन बच्चों को डिप्रेशन की समस्या होती है वो कोई भी निर्णय लेने से हिचकिचाते हैं। 


पढाई में परेशानी: तनाव बच्चे के शैक्षणिक प्रदर्शन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। उन्हें ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है, याद न रहने की समस्या हो सकती है या कुछ भी सीखने में परेशानी हो सकती है। 


डिप्रेशन से कैसे बचें 


तनाव बच्चों में कई तरह से असर डाल सकता है। इसलिए जरुरी है की डिप्रेशन के संकेतों को पहचानकर और बच्चों पर तनाव के प्रभावों को समझकर, उनकी मदद के लिए सक्रिय कदम उठाए जा सकते हैं। बच्चा अगर डिप्रेशन में है तो फिर उनसे बात कर के, उनकी समस्याओं को समझ कर उन्हें इस समस्या से निकाला जा सकता है। आप इस समस्या के लिए अच्छे मनोचिकित्सक से (best psychiatrist) भी मिल सकते हैं। वह बच्चे की स्थिति को समझकर उसे इस समस्या से छुटकारा दिलवाने में मदद कर सकते है।


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